
आशा जी की आवाज़ में आपने अब तक बहुत से हिंदी गीतों,ग़ज़लों को सुना होगा,आज आनंद लीजिये एक कश्मीरी गीत का
(जानता हूँ बोलों को समझने में दिक़्क़त होगी,पर यक़ीन जानिये,जब ये गीत मेंने मेरी मॉं को सुनाया तो वो बोलीं कि ये गीत आज उन्हें 20 साल बाद सुनने को मिला, और वो ज़हन से उतर चुके उन बोलों को ढ़ूंढकर, गीत के बोलों के साथ अपने बोल जोड़ रहीं थीं।

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