ताज़ा तरीन....

Thursday, September 24, 2009

मज़हब नहीं सिखाता आपस मैं बैर रखना


ईद के पाक मोक़े पर आपको ईद मुबारक
ख़ुशी की बात है कि, इस बार "ईद" और "नवरात्र " जैसे पवित्र त्यौहार एक ही समय पर आये |
अक्सर जब हिन्दू और मुस्लिम भाईयों के त्यौहार एक ही वक़्त पर पड़ते हैं तो ख़ुशी होती है ,
और मन में एक सवाल भी जन्म लेता है ???
जब ऊपर वाला भी कई बार, एक ही वक़्त पर "अपने भक्तों", "अपने बन्दों" की मुरादें सुनने का वक़्त एक सा चुनता है,
तो फिर क्यों इंसान की बनाई मज़हब की ये ऊंची दीवार ढहने का नाम नहीं लेती ????

"ईद के पाक मोक़े पर नुसरत साहब की आवाज़ का जादू"

5 comments:

  1. वाह! तबियत खुश हो गयी

    ReplyDelete
  2. Bahut sunder wichar bhee aur geet bhee. Apko eid mubarak aur Shubh navratri.

    ReplyDelete
  3. आपको भी ईद मुबारक!

    ReplyDelete
  4. bhai sahab.....ied or dashhare ki mubarakbaad aapko bhi

    ReplyDelete
  5. hindi hain ham vatan hai, hindostan hamara......
    iqbal ne hi ise nakar diya ?...pak ki mang ki aur kaha......!
    muslim hain ham,vatan hai sara jahan hamara....
    fir bhi gandhi ne ise sou baar gungunaya aur hamne ise koumi tarane ki taraha maan liya.

    ReplyDelete

Text selection Lock by Hindi Blog Tips

कौन आया मेरे मन के द्वारे

छापो चिट्ठे

चिट्ठाजगत