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Sunday, August 9, 2009

सब गोल माल है

एक मिनट के लिए मान लीजिये कि आपसे कुछ महीनों के लिए आपका टेलिविज़न छीन लिया जाता है ,तब आपको कैसा महसूस होगा ?
क्या कहा?
ख़ाली ख़ाली सा लगेगा ! वक़्त काटे नहीं कटेगा !
और उन लोगों के लिए तो और भी परेशानी होगी जो अपना वक़्त अक्सर टेलीविजन के सामने ही गुज़ारते हैं ,भई फिर कहाँ "सच का सामना ", "बालिका वधू" और कहाँ आपका पसंदीदा कार्यक्रम देख पाएंगे आप?
एक वक़्त वो था जब टेलीविजन को बुद्धू बक्से कि संज्ञा दी जाती थी पर आज ये बुद्धू बक्सा कई बार ऐसे- ऐसे खेल भी दिखा जाता है कि इस "बुद्धू बक्से " को इस नाम से पुकारने पर हम ख़ुद "नासमझ "और "बुद्धू "लगने लगते हैं! आज के इस दौर में ये "बुद्धू बक्सा" हम सब पर राज कर रहा है, हमारे आस पास और पूरी दुनिया में होने वाले उलट फेर को चुटकियों में हमारी आँखों के सामने और हमसे रू -- रू करवा देता है ! ख़बर देने और ख़बर लेने का काम तो करता ही है पर कई बार अच्छे अच्छों की ख़बर भी ले लेता
है ! मज़े की बात तो ये है कि इसकी चपेट में कई मर्तबा ख़बर नवीस भी जाते हैं, और तब एक अलग ही दृश्य बनता है! कैसे?
ज़रा इस वीडियो को देखिये और ख़ुद ये फ़ैसला कीजिये की क्या ये "बुद्धू बक्सा " वाक़ई में बुद्धू कहलाने लायक़ है ?

5 comments:

  1. haan ab budhu baksa budhu nahi raha ...haan kuch channels zaroor budhu chanalon ki tarah kaam karte hain

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  2. इस बुढ़ू बक्से की शक्ल देखने मे रखा क्या है ....ये तो महज़ एक छोटी सी क्लिप है ...सारे चेनल वाले दर्शकों को बुधू बनाने की नयी स्कीम भी निकालने वाले हैं ...आप आगे आगे देखते रहिए होता है क्या .....

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  3. अजी सब गोलमाल है ....तभी तो कहता हूँ....बच के रहना

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  4. अमा यार, अपका लेख पढा लेकिन विडियो तो चला ही नही.....
    कुछ गोलमाल है या नही मालुम पर लेकिन आप लिखते हैं कमाल के हैं..........

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  5. हा हा, वाकई में गोलमाल है...वीडियो से ही पता चला कि ऐसा भी कुछ होता है...

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